RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, December 5, 2024
दर्द
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रज़ा दर्द की भी सिर्फ साँसों पर फिदा l साँसे भी मुकम्मल इसी दर्द की वज़ह ll अंदाज फिराक दर्द सज़ा अह्सास का l अर्जी मुनासिब इसके रंग गुलनार ...
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Wednesday, November 13, 2024
सम्मोहन
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सम्मोहन तेरे दिल के तिल ने नजरों पर ऐसा फेरा l दर्पण भी मेरा अकेले में खुद से शर्माने लगा ll जादुई संचारी ने आहिस्ता आहिस्ता लिखी जो ग़ज़ल l...
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Tuesday, October 15, 2024
पहेली
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किंवदन्ती पहेलियाँ उस काफिर के दस्तखतों सी l ख़त पैगाम कोई लुभा रही दस्तावेजों ताल्लुक़ सी ll अख्तियार किया था बसेरा परिंदों ने बिन दस्तकों ...
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Saturday, September 14, 2024
अश्रुधार
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मुनादी थी बहुरूपिये अफवाहों अरण्य आग की l आतिशबाजी सी जलती बुझती खुशफहमीयाँ बीमार की ll क़ुर्बत द्वंद शील मुद्रा मंशें मंसूबे जज्बातों लहरें...
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Monday, September 2, 2024
अल्पविराम
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अश्वमेघ सा विचरण करता यह उच्छृंखल मन मयूर दर्पण नाचे मेघों साथ l खोल जटा रुद्र हारा सा रूप त्रिनेत्र मल्हार सप्तरंगी बाण धुनों रंग जमाय ll म...
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