Thursday, December 5, 2024

दर्द

रज़ा दर्द की भी सिर्फ साँसों पर फिदा l

साँसे भी मुकम्मल इसी दर्द की वज़ह ll


अंदाज फिराक दर्द सज़ा अह्सास का l

अर्जी मुनासिब इसके रंग गुलनार का ll


तरजीह दर्द तामील अधूरे ख्वाब का l

बुनियाद दर्द की काँटों संग गुलाब का ll


नियति दर्द रज़ा बिखरी जन्म महताब का l

साँसे कोरी रुखसत कैसे दर्द गुलाब का ll


दर्द शून्य ढाई आखर साँसों रुखसार का l

फिदा कायनात पर दर्द साँसों अहसान का ll


अकेली साँसें आयतें बँधी दर्द इश्क डोरी से l

मुकम्मल दर्द रूह रूमानियत इसी डोरी से ll

10 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शुक्रवार 6 दिसंबर 2024 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    1. आदरणीय भाई साब
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए तहे दिल से आपका आभार

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    1. आदरणीय ओंकार भाई साब
      सराहना सम्पन्न अनमोल प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभार आपका । सादर नमन !

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  3. बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      सराहना सम्पन्न अनमोल प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभार आपका । सादर नमन !

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    1. आदरणीय सुशील भाई साब
      सराहना सम्पन्न अनमोल प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभार आपका । सादर नमन !

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