रज़ा दर्द की भी सिर्फ साँसों पर फिदा l
साँसे भी मुकम्मल इसी दर्द की वज़ह ll
अंदाज फिराक दर्द सज़ा अह्सास का l
अर्जी मुनासिब इसके रंग गुलनार का ll
तरजीह दर्द तामील अधूरे ख्वाब का l
बुनियाद दर्द की काँटों संग गुलाब का ll
नियति दर्द रज़ा बिखरी जन्म महताब का l
साँसे कोरी रुखसत कैसे दर्द गुलाब का ll
दर्द शून्य ढाई आखर साँसों रुखसार का l
फिदा कायनात पर दर्द साँसों अहसान का ll
अकेली साँसें आयतें बँधी दर्द इश्क डोरी से l
मुकम्मल दर्द रूह रूमानियत इसी डोरी से ll
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शुक्रवार 6 दिसंबर 2024 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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आदरणीय भाई साब
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए तहे दिल से आपका आभार
वाह
ReplyDeleteआदरणीय ओंकार भाई साब
Deleteसराहना सम्पन्न अनमोल प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभार आपका । सादर नमन !
बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteआदरणीया मीना दीदी जी
Deleteसराहना सम्पन्न अनमोल प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभार आपका । सादर नमन !
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ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteसराहना सम्पन्न अनमोल प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभार आपका । सादर नमन !