Thursday, December 5, 2024

दर्द

रज़ा दर्द की भी सिर्फ साँसों पर फिदा l

साँसे भी मुकम्मल इसी दर्द की वज़ह ll


अंदाज फिराक दर्द सज़ा अह्सास का l

अर्जी मुनासिब इसके रंग गुलनार का ll


तरजीह दर्द तामील अधूरे ख्वाब का l

बुनियाद दर्द की काँटों संग गुलाब का ll


नियति दर्द रज़ा बिखरी जन्म महताब का l

साँसे कोरी रुखसत कैसे दर्द गुलाब का ll


दर्द शून्य ढाई आखर साँसों रुखसार का l

फिदा कायनात पर दर्द साँसों अहसान का ll


अकेली साँसें आयतें बँधी दर्द इश्क डोरी से l

मुकम्मल दर्द रूह रूमानियत इसी डोरी से ll