मुनादी थी बहुरूपिये अफवाहों अरण्य आग की l
आतिशबाजी सी जलती बुझती खुशफहमीयाँ बीमार की ll
क़ुर्बत द्वंद शील मुद्रा मंशें मंसूबे जज्बातों लहरें पैगाम की l
रूमानियत रुबाई कयास मुरीद वाकिफ इस कायनात की ll
कशमकश सुरूर तार्किक मिथ्या शुमार वहम ला इलाज की l
पन्ने अतीत के पलटती स्याह उजड़ी रातें मूसलाधार बरसात की ll
खुमार बदरंगी चादर अधूरी खामोश ख्वाबों मुलाकातों की l
साँझी सांची चाँदनी फ़िलहाल अर्ध चाँद इस उधार बेकरारी की ll
अक्षरों के मलाल अक्सर सगल संजीदा क्षितिज नैया पार की l
अफवाहों फेहरिस्त रंग बदल गयी बारिश इन टुटे अश्रुधार की ll
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं |
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
बहुत सुंदर रचना।
ReplyDeleteआदरणीय नितीश भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
वाह!!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सृजन👌👌
आदरणीया सुधा दीदी जी
Deleteह्रदय तल से आपका आभार