Sunday, July 21, 2024

ll कहानी ll

छुने से अल्फाजों को मेरे पंख लग गये अर्ध चाँद नयनों को तेरे l

लहरें दीवानी कहानी रचने लगी घटाओं की जज्बाती तरंगों पे ll


साँझ गुलाबी रिमझिम सिंदूरी बारिश खत लिखे बादलों कागज ने l

काजल गलियाँ आईना वो रंजिशें रक्स साँझा हो गयी फिर चाँद से ll


सबब ज़िल्द पुरानी कहानी किताबों की किस्मत डोरी कच्चे धागों की l

बातें यादों से करती शराफत बिछुड़न तन्हा बेपनाह रस्म नाराजगी की ll


बेनक़ाब हो गयी साज़िशें आँधियों शराफत सादगी सौदेबाजीयों की l

लकीरें ललाट की मेरे मिल शून्य विरासत हो गयी हाथों की लकीरों तेरे ll


उलझ संवर गयी कटी कटी लट्टे पलकें तेरी मेरी उड़ते पतंगों डोरी की l

लबों को शब्द तेरे क्या मिले निखर गयी कहानी तेरे मेरे आसमाँ की l


Saturday, July 6, 2024

स्वच्छंद पहेली

साये ने मेरे प्रतिलिपि लिखी थी एक गुमनामी शाम की l

गुलमोहर छाँव परछाई सहमी थी उस किनारे घाट की ll


कशिश सरोबार सिंदूरी श्रृंगार मन वैजयंती ताल की l

सहज लहर पदचापें ठौर उस क्षितिज गुलाबी साँझ की ll


साँझी लेखनी साँसे कोई प्रत्युत्तर अंकित इस राज की   l

बहक उलझ गयी थी केशें उस हसीं चित्रण ख्वाब की ll


अंतरंगी डोर वैतरणी रूपरेखा उस खोई पहेली शाम की l

सतरंगी साजों धुन पिरो रही छलकती ओस बूँदों ख़ास की ll


मंथन उस काव्य धरा सजली थी प्रतिलिपि मेरे नाम की l

स्वच्छंद मुक्त हो गयी पिंजर बंद धड़कने मेरे उस चाँद की l