चिलमन गुलजारों जिसके लिखी थी एक बेजुबान इश्क कहानी l
तसव्वुर में तस्वीर रूहानी उसकी रुखसार सी ऐसी महक आयी ll
अल्फाज़ नयनों के उसके इन ख़ामोशियों की ग़ज़ल बन आयी l
रूह बदल धड़कने उस नूर ए माहताब के गालों की तिल बन आयी ll
कोई कसर कमी ना थी इशारों के इन इश्क इकरार इजहार में l
पहेली उलझी थी हिरनी के लंबे गुँथे बालों के सुहाने किरदार में ll
कच्ची डोरी ऊँची आसमाँ बादलों उड़ती रंगीन पतंगबाजी की l
बिन स्याही बेतरतीब लकीरें लिखी जुबानी खोये लफ्ज़ किनारों की ll
खोल गयी पंख आतुर परिंदों के बंद विरासत एकान्त पिंजरों की l
सज-धज संवर गयी उड़ान इस बेजुबान धूमिल इश्क किनारे की ll
सुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteआदरणीया मीना दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
बहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय आलोक भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
लाजवाब।
ReplyDeleteआदरणीय भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
वाह!!क्या बात है👌👌
ReplyDeleteआदरणीया विभा दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
आदरणीया श्वेता दीदी जी
ReplyDeleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए तहे दिल से आपका आभार