Monday, June 17, 2024

बेजुबान इश्क

चिलमन गुलजारों जिसके लिखी थी एक बेजुबान इश्क कहानी l

तसव्वुर में तस्वीर रूहानी उसकी रुखसार सी ऐसी महक आयी ll


अल्फाज़ नयनों के उसके इन ख़ामोशियों की ग़ज़ल बन आयी l

रूह बदल धड़कने उस नूर ए माहताब के गालों की तिल बन आयी ll


कोई कसर कमी ना थी इशारों के इन इश्क इकरार इजहार में l

पहेली उलझी थी हिरनी के लंबे गुँथे बालों के सुहाने किरदार में ll


कच्ची डोरी ऊँची आसमाँ बादलों उड़ती रंगीन पतंगबाजी की l

बिन स्याही बेतरतीब लकीरें लिखी जुबानी खोये लफ्ज़ किनारों की ll


खोल गयी पंख आतुर परिंदों के बंद विरासत एकान्त पिंजरों की l

सज-धज संवर गयी उड़ान इस बेजुबान धूमिल इश्क किनारे की ll

12 comments:

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    1. आदरणीय सुशील भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  2. सुंदर अभिव्यक्ति।
    सादर
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    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार १८ जून २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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    1. आदरणीया श्वेता दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए तहे दिल से आपका आभार

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  3. सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      आपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन

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    1. आदरणीय आलोक भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  5. Replies
    1. आदरणीय भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  6. वाह!!क्या बात है👌👌

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    1. आदरणीया विभा दीदी जी
      आपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन

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