अविरल सिसकियाँ अंतर्मन पहेली पदचापों की l
प्रश्नन चिन्ह पानी तरंगों मचलती मझधारो की ll
जिस्म सुनहरी झुर्रियां लिपटी रूह बिन बरसातों की l
वात्सल्य खामोश अनकहे खोये हुए शब्द बातों की ll
मसौदा लेखन अम्बर इस काफिर को आज़माने की l
चिनार दरख्तों संग निपजी वो सफर मुलाक़ातों की ll
आराधना रीत सूनी वेदना कोरे फागन रंग साधना की l
उजाड़ती मत असहमत गुलज़ार गलियां बारातों की ll
सब्र सदियों आईना गर्त उस इंतजार की l
खुशफहमी गलतफहमी इस नादानी की ll
कल्पना भँवर टूटा ना जब दिल लगाने की l
चाह थी उस चाँद की नजर बन जाने की ll
कैसे भूल जाऊँ हवा उस गली चौबारे की l
आदत हैं जिसको सिर्फ दिल लगाने की ll
रब ने दी थी मोहलत मोहब्बत में जी जाने की l
मयकशा छलका गया सजा इसे जी जाने की ll
अच्छी है|
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
ReplyDeleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
आराधना रीत सूनी वेदना कोरे फागन रंग साधना की l
ReplyDeleteउजाड़ती मत असहमत गुलज़ार गलियां बारातों की ll
वाह! बहुत ही सुन्दर सृजन 🙏
आदरणीया कामिनी दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
वाह! बहुत सुन्दर भावविभोर रचना।
ReplyDeleteआदरणीया रूपा दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
बहुत अच्छे शेर हैं ...
ReplyDeleteआदरणीय दिगंबर भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
ReplyDeleteअविरल सिसकियाँ अंतर्मन पहेली पदचापों की l
प्रश्नन चिन्ह पानी तरंगों मचलती मझधारो की ll बहुत सुंदर शेर हैं,ह्रदय स्पर्शी,आदरणीय आपकी लेखनी वैसे भी कमाल की है ।
Lovely blog, thanks for sharing
ReplyDeleteNice post thankks for sharing
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