मौन स्तब्ध स्वीकृति लिए स्पर्श जो था एक अजनबी स्पंदन का l
मानो इश्क़ इजहार था माधुर्य मधुरम आत्मबोध अभिनन्दन का ll
निश्छल कल कल रगों बहती इसकी प्रेरणा थी जीवनदयानी सी l
तल्लीन मुग्ध तिल्सिम में सुखद फिर भी लगी थी इसकी ये छाँव ll
पथिक सा इस पगडण्डी चल छूने लगा सप्त सुरों के सरगम साज l
सम्मोहित इसमें साँसों की आस अभिनय सा था गुलजारों का साथ ll
वैदेही अभिलाषा आतुर सी संजो रही पल छीन एक नया आकार l
मिला रंग गयी जैसे अपने रंगों मेरे रूह में अपनी खनक आवाज़ ll
सिमट गयी सारी खुशियों की दुनिया इस गुलमोहर खुशबू अंदाज़ l
अपनत्व अहसास सीखा गया गुलज़ार मोहब्बत के हसीन अंदाज़ ll
अनुभूति सहज सरल इस एकाकी पहेली पहलु उस किरदार की l
बिन साँसे धड़कना सीखा गयी थी किसी ओर के दिल ओ साज में ll
सुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 8 नवंबर 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
>>>>>>><<<<<<<
आदरणीया पम्मी दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए तहे दिल से आपका आभार
अत्यंत सुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय हरीश भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
बहुत खूब।
ReplyDeleteआदरणीया रूपा दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
वाह !
ReplyDeleteआदरणीया अनीता दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
स्नेह से परिपूर्ण
ReplyDeleteआदरणीया दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
अनुभूति सहज सरल इस एकाकी पहेली पहलु उस किरदार की l
ReplyDeleteबिन साँसे धड़कना सीखा गयी थी किसी ओर के दिल ओ साज में l
अति सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
आदरणीया मीना दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
सुंदर पंक्तियाँ। शुभ दीपावली।
ReplyDeleteआदरणीय भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद