दीपावली दीपोत्सव सारांश संक्षेप में l
आहुति आभा से रोशन तम का मंडल ll
भोग चौदह वर्षों का कठिन वनवास l
काल मृत्युंजय रावण का कर संहार ll
सुन रघुवर अपनों की आराधना पुकार l
अवतारी चले आये थामे माता का हाथ ll
प्रीत किरण पुंज से चमकते धूमकेतु से l
शिरोधार्य इस मंगल बेला जन कल्याण ll
पिरो लडिया सुन्दर जगमग करते दीपों सी l
उत्सर्ग कर रहा संसार वैमनस्य अंधेरों की ll