सरल थी वो ओस की उन अनछुई शबनमी बूँदों सी l
इतराती अठखेलियाँ विलुप्त हो जाती पवन वेगों सी ll
चिंतन मनन जब जब करता उसे अल्फाजों पिरो सीने की l
लब मौन तब तब सिल जाते उसके गुलाब पराग कणों सी ll
नाम जिनका उकेरा था सागर सी मचलती जल तरंगों पर l
दरिया बन समा गयी वो मेरे अधूरे क्षितिज अश्रु बूँदों पर ll
संजोग तारतम्य अक्षरों चयन बीच कभी हुए नहीं l
संदेशों में भी बैरंग खत कभी हमसे अता हुए नहीं ll
खुमारी इसकी मीठी मीठी आबो हवा बारिश बारातों की l
मुक्तक पतंग उड़ा रही परिंदों सी रंगे दिल आसमानों की ll
उतरी जब यह नायाब चित्रकारी दर्पणों के सूने आगोश में l
विस्मित चकित खुदा भी ढल खो गया इसके प्रेम आगोश में ll
बहुत सुंदर भवपूर्ण पंक्तियाँ।
ReplyDeleteआदरणीय नीतीश भाई साब
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए आपका शुक्रिया
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (11-06-2022) को चर्चा मंच "उल्लू जी का भूत" (चर्चा अंक-4458) (चर्चा अंक-4395) पर भी होगी!
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय शास्त्री जी सर
Deleteआप गुणीजनों का आशीर्वाद बना रहे और आपके मंच पर स्थान मिलता रहे इससे ज्यादा सौभाग्य की बात मेरे लिए और हो नहीं सकती, आपका शुक्रगुजार हूँ
जज़्बातों को बखूबी लिखा है ।।
ReplyDeleteजहाँ तक मुझे पता है अल्फ़ाज़ शब्द बहुवचन है ।।अल्फाजों लिखने की आवश्यकता नहीं है । लफ्ज़ एक वचन है ।
बाकी उर्दू भाषा के जानकार सही राय दे सकते हैं ।
आदरणीय संगीता दीदी जी
Deleteप्रशंसा के लिए दिल से आपका शुक्रिया साथ ही त्रुटि की और ध्यान आकर्षण के लिए आभार, कोशिश रहेगी आपके मार्गदर्शन में भूल सुधार कर लूँ
सरल थी वो ओस की उन अनछुई शबनमी बूँदों सी l
ReplyDeleteइतराती अठखेलियाँ विलुप्त हो जाती पवन वेगों सी ll
वाह सुंदर वर्णन |
आदरणीया अनुपमा दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
नाम जिनका उकेरा था सागर सी मचलती जल तरंगों पर l
ReplyDeleteदरिया बन समा गयी वो मेरे अधूरे क्षितिज अश्रु बूँदों पर ll
बहुत ही सुन्दर...
वाह!!!
आदरणीया सुधा दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
एहसासों का शब्द चित्र।
ReplyDeleteउम्दा प्रस्तुति।
आदरणीया कुसुम दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
मन को छूते भाव सच प्रेम बहुत सरल होता है लोग उसे जटिल यों हीं बना बैठे।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर सृजन।
आदरणीया अनीता दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
रुहानी अहसास!!!!
ReplyDeleteआदरणीय विश्वमोहन भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद