सदियों बाद भी रंजिशें कम ना थी इश्क खुमारी बीच l
दरिया तेजाब का बहता रहा हर दफा शुष्क आँखों बीच ll
उलझता रहा अपने ही इश्क के रंगीन हसीन ख्यालों बीच l
मोहलत कभी माँग लाता साँसों की अधजली फ़िज़ाओं बीच ll
कहानियाँ इस दहलीज की लफ्जों में मुकम्मल थी नहीं l
दस्तूर इस अंजुमन की रातें बिन चाँद गवाह अधूरी थी ll
ख्वाइशों की गुजारिशों में तल्ख़ थी बंदिश रिवाज़ों की l
लकीरों के कोहराम में हथेली सूनी थी मेहँदी हाथों की ll
कोई सरहद ना थी इन भींगे भींगे मौन अल्फ़ाज़ों बीच l
पहचान खुद की गुमनाम थी आइनों के इन अक्सों बीच ll
पहचान खुद की गुमनाम थी आइनों के इन अक्सों बीच l
पहचान खुद की गुमनाम थी आइनों के इन अक्सों बीच ll
बेहतरीन ..... लेकिन ये ग़ज़ल न हुई ।।
ReplyDeleteआदरणीया संगीता दीदी जी
Deleteआपका मार्गदर्शन इसी तरह मिलता रहे ताकि खामियां और त्रुटियों की गुंजाइश ना के बराबर रहे l आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार l
गज़ल नुमा कविता,कविता नुमा गज़ल
ReplyDeleteअच्छी और सुंदर रचना
वाह
आदरणीय भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण कृति ।
ReplyDeleteआदरणीया मीना दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 8 जून 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
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पुन: भेंट होगी...
आदरणीया दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए तहे दिल से आपका आभार
बहुत सुन्दर सृजन
ReplyDeleteआदरणीया दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
वाह ! बहुत ही सुन्दर रचना .
ReplyDeleteहिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
आदरणीय
Deleteगुणीजन शुक्रिया
सुंदर सराहनीय रचना ।
ReplyDeleteआदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
वाह!गज़ब लिखा अनुज।
ReplyDeleteसादर
आदरणीया अनीता दीदी जी
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
ख्वाइशों की गुजारिशों में तल्ख़ थी बंदिश रिवाज़ों की l
ReplyDeleteलकीरों के कोहराम में हथेली सूनी थी मेहँदी हाथों की ll
वाह!!!
आदरणीय विश्वमोहन भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद