मजहब रंग एक था मेरी मोहब्बत का l
रोजा वो रखती इसकी सलामती का ll
इफ्तारी मैं करता उसके चाँद दीदार से l
कबूल हो जाती मन्नतें कई एक साथ में ll
होली मेरी जलती जैसे दिवाली रोशन आस में l
रंगों सराबोर होती उसकी कंचन काया साथ में ll
मीरा थी वो मेरे दिल रास रचे इस मधुवन की l
सहज भाव झुक जाती देख साया मंदिर की ll
नफासत इतनी भरी थी दोनों दिलों जान में l
दुआएं छलकती इनसे जैसे तारों आसमान से ll
सरका हिजाब मुस्काती जब वो कनखियों नाज से l
बाँसुरी सी धुन घुल जाती मेरी रुकी रुकी सांस में ll
मीठी मीठी नज्म थी वो इस दिल गालियां चौबारों की शान से l
ना मंदिर ना मस्जिद की रूह थी वो गीता कुरान की एक साथ मे ll
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 03 मई 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आदरणीया यशोदा दीदी जी
ReplyDeleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए आपका दिल से शुक्रिया l
बहुत सुंदर भाव
ReplyDeleteआदरणीया अनीता दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (04-05-2022) को चर्चा मंच नाम में क्या रखा है? (चर्चा अंक-4420) पर भी होगी!
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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आदरणीय शास्त्री सर
Deleteआपके मंच पर मेरी रचना को स्थान मिलना मेरे लिए आपके आशीर्वाद के सामान हैं l आपको दिल से नमन सर l
वाह!खूबसूरत सृजन ।
ReplyDeleteआदरणीया शुभा दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l
सुन्दर सृजन
ReplyDeleteआदरणीया उर्मिला दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l
वाह
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteसुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया
मजहब रंग एक था मेरी मोहब्बत का l
ReplyDeleteरोजा वो रखती इसकी सलामती का ll
बहुत खूब !
ईद मुबारक !
आदरणीया नूपुरं दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l
मीरा थी वो मेरे दिल रास रचे इस मधुवन की l
ReplyDeleteसहज भाव झुक जाती देख साया मंदिर की... बहुत सुंदर लिखा अनुज।
सराहनीय सृजन।
सादर
आदरणीया अनीता दीदी जी
ReplyDeleteसुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l
बेहतरीन सृजन अनुज ।
ReplyDeleteआदरणीया मीना दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l
श्रृंगार और स्नेह से लिप्त सुंदर सृजन।
ReplyDeleteआदरणीया कुसुम दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फ़ाज़ों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया l