Wednesday, January 19, 2022

गुलदस्तां

गुलदस्तां हैं तू उन शबनमी गुलाबों का l
इश्क़ महके जिसके चुभते काँटों से भी ll

नाजुक कोमल पँखुड़ियों सा तेरा मासूम स्पर्श l 
छू रही मधुर चाँदनी जैसे कोई रसीला यौवन ll

महक रही पुरबाई बयार तेरी साँसों से ऐसे l
सुगंध तेरी मिल गयी इन धड़कनों से जैसे ll

कायनात तू इन रूमानी जज्बातों की l
जिस्म आफ़ताब रूहानी अंदाज़ों की ll

फरिश्ता तू उन मीठी चिलमन रातों की l 
डूबी रही सहर जिनके बंद गुलज़ारों की ll

सिमटी रहे सपनों सी इस निन्दियाँ गोद में l 
कैद करलूँ इन लम्हों को पलकों आगोश में ll 

31 comments:

  1. वाह! शानदार पंक्तियाँ।

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    1. आदरणीय नीतीश जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  2. बहुत खूब लिखा सर!

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    1. आदरणीय यशवंत भाई साहब जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  3. आदरणीया अनीता दीदी जी
    मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
    आभार

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  4. बहुत सुंदर सराहनीय रचना ।

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    1. आदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  5. बहुत बहुत सुन्दर रचना

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    1. आदरणीय आलोक भाई साहब जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  6. फरिश्ता तू उन मीठी चिलमन रातों की l
    डूबी रही सहर जिनके बंद गुलज़ारों की,,,, बहुत सुंदर रचना,शुभकामनाएँ

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    1. आदरणीया मधुलिका दीदी जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  7. बेहतरीन लेखन ।

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    1. आदरणीया अमृता दीदी जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  8. बहुत ही सुंदर😍💓

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    1. आदरणीया मनीषा दीदी जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  9. सुंदर सराहनीय सृजन

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    1. आदरणीया भारती दीदी जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  10. उपमा और उपमेय का सार्थक निरूपण ! "कोमल पंखुडियो " और : रसीले यौवन " की दिलकश आवृत्ति की प्रस्तुति की है आपने ! साँसों से उभरती सुगन्ध का धड़कनो से सामंजस्य बहुत खूबसूरत उदगार बना है। " पलकों का आगोश " मरहबा ! मरहबा !! कहने को विवश कर देता है। बहुत ही खूबसूरत रचना !

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    1. आदरणीय विजय भैया
      अल्फाज़ कम हैं आपका शुक्रिया करने, आप की हौशला अफ़ज़ाई इसी तरह प्रेरित करती रहे और कलम मेरी सुन्दर शब्दों की माला पिरोती रहे
      सादर

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  11. श्रृंगार भावों से सुशोभित उम्दा अस्आर।
    सुंदर।

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    1. आदरणीया कुसुम दीदी जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  12. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 24 जनवरी 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आदरणीया दिव्या दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
      आभार

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  13. बहुत खूब नज्‍़म लिखी मनोज जी,

    महक रही पुरबाई बयार तेरी साँसों से ऐसे ।
    सुगंध तेरी मिल गयी इन धड़कनों से जैसे।। वाह

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    1. आदरणीया अलकनंदा दीदी जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  14. खूबसूरत ग़ज़ल । रूमानी एहसास लिए हुए ।

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    1. आदरणीया संगीता दीदी जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  15. शानदार ।हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. आदरणीय तुषार भाई साहब जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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  16. बहुत खूब ...
    इश्क के बयार बह रही है इस नज़्म से ...
    लाजवाब ...

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    1. आदरणीय दिगंबर भाई साहब जी
      सुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया

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