गुलदस्तां हैं तू उन शबनमी गुलाबों का l
इश्क़ महके जिसके चुभते काँटों से भी ll
नाजुक कोमल पँखुड़ियों सा तेरा मासूम स्पर्श l
छू रही मधुर चाँदनी जैसे कोई रसीला यौवन ll
महक रही पुरबाई बयार तेरी साँसों से ऐसे l
सुगंध तेरी मिल गयी इन धड़कनों से जैसे ll
कायनात तू इन रूमानी जज्बातों की l
जिस्म आफ़ताब रूहानी अंदाज़ों की ll
फरिश्ता तू उन मीठी चिलमन रातों की l
डूबी रही सहर जिनके बंद गुलज़ारों की ll
सिमटी रहे सपनों सी इस निन्दियाँ गोद में l
कैद करलूँ इन लम्हों को पलकों आगोश में ll
वाह! शानदार पंक्तियाँ।
ReplyDeleteआदरणीय नीतीश जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
बहुत खूब लिखा सर!
ReplyDeleteआदरणीय यशवंत भाई साहब जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
आदरणीया अनीता दीदी जी
ReplyDeleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
आभार
बहुत सुंदर सराहनीय रचना ।
ReplyDeleteआदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
बहुत बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteआदरणीय आलोक भाई साहब जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteफरिश्ता तू उन मीठी चिलमन रातों की l
डूबी रही सहर जिनके बंद गुलज़ारों की,,,, बहुत सुंदर रचना,शुभकामनाएँ
आदरणीया मधुलिका दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
बेहतरीन लेखन ।
ReplyDeleteआदरणीया अमृता दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
बहुत ही सुंदर😍💓
ReplyDeleteआदरणीया मनीषा दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
सुंदर सराहनीय सृजन
ReplyDeleteआदरणीया भारती दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
उपमा और उपमेय का सार्थक निरूपण ! "कोमल पंखुडियो " और : रसीले यौवन " की दिलकश आवृत्ति की प्रस्तुति की है आपने ! साँसों से उभरती सुगन्ध का धड़कनो से सामंजस्य बहुत खूबसूरत उदगार बना है। " पलकों का आगोश " मरहबा ! मरहबा !! कहने को विवश कर देता है। बहुत ही खूबसूरत रचना !
ReplyDeleteआदरणीय विजय भैया
Deleteअल्फाज़ कम हैं आपका शुक्रिया करने, आप की हौशला अफ़ज़ाई इसी तरह प्रेरित करती रहे और कलम मेरी सुन्दर शब्दों की माला पिरोती रहे
सादर
श्रृंगार भावों से सुशोभित उम्दा अस्आर।
ReplyDeleteसुंदर।
आदरणीया कुसुम दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 24 जनवरी 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आदरणीया दिव्या दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
आभार
बहुत खूब नज़्म लिखी मनोज जी,
ReplyDeleteमहक रही पुरबाई बयार तेरी साँसों से ऐसे ।
सुगंध तेरी मिल गयी इन धड़कनों से जैसे।। वाह
आदरणीया अलकनंदा दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
खूबसूरत ग़ज़ल । रूमानी एहसास लिए हुए ।
ReplyDeleteआदरणीया संगीता दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
शानदार ।हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआदरणीय तुषार भाई साहब जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
बहुत खूब ...
ReplyDeleteइश्क के बयार बह रही है इस नज़्म से ...
लाजवाब ...
आदरणीय दिगंबर भाई साहब जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया