रिश्तों के बाजार में नया कुछ ना था l
दर्पण में हर एक चेहरा धुँधला सा था ll
अर्सों सँवारा नाजों से जिस हर एक पल को l
काफूर गुम था वजूद हर एक उस पल का ll
टुकड़ों टुकड़ों बिका मैं भी परिंदा नादान l
तौलता गया तराजू बिन किये दर भाव ll
स्पर्श था रक्त का हवाओं के आस पास l
बहा था मेरा लहू जो अश्कों के साथ साथ ll
सौदागरी बदल गयी देखने परखने के अंदाज़ l
काफ़िरना बन गया मैं काफिरों के साथ साथ ll
हर एक मोल में थी छुपी थी एक ही अरदास l
कहीं दिल ना बिक जाये जिस्म के साथ साथ ll
अहमियत खो गए सारे जज्बाती बात व्यवहार l
धूल में मिल मिट गए रिश्तों के सारे तार सार ll
सौदागरों की इस बस्ती में रिश्ते थे बेईमान l
अक्स भी धुँधला हो जाता आकर दर्पण पास ll
टुकड़ों टुकड़ों बिका मैं भी परिंदा नादान l
ReplyDeleteतौलता गया तराजू बिन किये दर भाव ll
हृदयस्पर्शी सृजन ।
आदरणीया मीना दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
सौदागरी बदल गयी देखने परखने के अंदाज़ l
ReplyDeleteकाफ़िरना बन गया मैं काफिरों के साथ साथ ll
और
अहमियत खो गए सारे जज्बाती बात व्यवहार l
धूल में मिल मिट गए रिश्तों के सारे तार सार ll
सच जहाँ हर तरफ सौदागरों की भीड़ हो वहां रिश्तों को सिमटते देर नहीं लगती .. वक्त का हालातों को देख लगता है कि स्वार्थ के सीमा से परे देख पाने वाली ऑंखें कमजोर हो चुकी हैं ..................
आदरणीया कविता दीदी जी
Deleteआज का सत्य यही हैं, रिश्तों में अब पहले सी बातेँ कहा रही l
अहमियत खो गए सारे जज्बाती बात व्यवहार l
ReplyDeleteधूल में मिल मिट गए रिश्तों के सारे तार सार ll
..सटीक अभिव्यक्ति ।
नव वर्ष मंगलमय हो 💐💐
आदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
सुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०६-०१ -२०२२ ) को
'लेखनी नि:सृत मुकुल सवेरे'(चर्चा अंक-४३०१) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
आदरणीया अनीता दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
आभार
सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteआदरणीय भाई जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
स्पर्श था रक्त का हवाओं के आस पास l
ReplyDeleteबहा था मेरा लहू जो अश्कों के साथ साथ ll
बहुत ही हृदयस्पर्शी सृजन
वाह!!!
आदरणीया सुधा दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
यथार्थ को चित्रित करते लाजवाब अस्आर।
ReplyDeleteउम्दा सृजन।
आदरणीया कुसुम दीदी जी
Deleteसुन्दर अल्फाजों से हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया