Monday, December 27, 2021

प्रतिलिपि

प्रतिलिपि लिखी जिन गुमनाम गुलजारों की l
मिली वो इस अंजुमन के प्यासे रहदारों  सी ll

सूनी दीवारें सजी थी किसी दुल्हन सेज सी l
कुरबत जिसके उतर आयी थी महताब बारात की ll

मशरूफ थी रूह इस कदर इनायतें रैना इंतजार में l
शुरूर नूर लिहाज का गुम हो गया इस कायनात में ll

बिसर अलंकार शब्दों मखमली ताबीर का l
रंग गया अम्बर स्वप्निल रंगदार घटाओं का ll

अहसास फूलों सी नाजुक इन पंखुड़ियों का l
तितलियाँ उड़ा गया इन पलकों नींद का ll

मीठी सी जिरह इसकी जेहन गहराई में l
लिखती हर पल नयी इबादत गुमनामी में ll

प्रतिलिपि लिखी जिन गुमनाम गुलजारों की l
मिली वो इस अंजुमन के प्यासे रहदारों  सी ll

19 comments:

  1. बहुत ही शानदार अस्आर गहन भाव लिए।
    उम्दा अभिव्यक्ति।

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    1. आदरणीया कुसुम दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
      सादर

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  2. बहुत खूब, हर शेर लाजवाब 👌👌🙏

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    1. आदरणीय अंकित भाई साहब
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

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  3. प्रतिलिपि लिखी जिन गुमनाम गुलजारों की l
    मिली वो इस अंजुमन के प्यासे रहदारों सी ll
    अति सुन्दर सृजन ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
      सादर

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  4. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार(28-12-21) को मेहमान कुछ दिन का अब साल है"(चर्चा अंक4292)पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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    1. आदरणीया कामिनी दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
      आभार

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  5. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (29-12-2021) को चर्चा मंच       "भीड़ नेताओं की छटनी चाहिए"  (चर्चा अंक-4293)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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    1. आदरणीय शास्त्री सर
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
      आभार

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    1. आदरणीय भाई साहब
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

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    1. आदरणीया अनीता दीदी जी
      सुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
      सादर

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  8. एहसासों से सराबोर रचना।बहुत अच्छी लगी।

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    1. आदरणीय भाई साहब
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

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  9. Replies
    1. आदरणीय विश्वमोहन भाई साहब
      सुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
      सादर

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