खड़ी थी वो लिए उन सुहानी यादों को उस मोड़ पर l
एक ताज महल मैं भी गूँथ लूँ लम्हों के जिस मोड़ पर ll
नये रंग में फिर से लिखूँ हर्फ की यह नयी ग़ज़ल l
की महताब भी मेहरम हो आये इसकी हर नजर ll
सदियों से छुपा रखे उन राज़दार सूखे गुलदस्तों से भी l
हर अंदाज़ में महके अल्फ़ाज़ ताजे हसीन फूलों सी ll
कच्चे धागे से बँधी इस प्रीत की बंधन डोर को l
ताबीज़ बना पहन लूँ इन मन्नत धागों डोर को ll
मोहलत थोड़ी सी ख़रीद लूँ उस आसमाँ खास से l
अर्से बाद बेताब हो रहे अश्रु धारा नयनों साथ में ll
उकेर लूँ इस चहरे को पूरी तरह मेरे आँगन द्वार में l
खो ना जाय फिर कही साया यह ढलती छावं में ll
खो ना जाय फिर कही साया यह ढलती छावं में ll
खो ना जाय फिर कही साया यह ढलती छावं में ll
सुंदर
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साहब
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
सादर
ख़ूब।
ReplyDeleteआदरणीय रोहीतास भाई साहब
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों से उत्साहित करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार....
सादर
आदरणीय दिलबाग भाई साहब
ReplyDeleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
आभार
खूबसूरत वर्णन किय है सर
ReplyDeleteआदरणीया प्रीति दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
सादर
बहुत उम्दा ग़ज़ल ,हर शेर लाजवाब।
ReplyDeleteआदरणीया कुसुम दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
सादर
Small but heart touching lines.
ReplyDeleteThank you so much.
Deleteबहुत सुंदर रचना,जितनी भी तऱीफ की जाए कम ही लगेगी,।
ReplyDeleteआदरणीया मधुलिका दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
सादर
वाह ...
ReplyDeleteअच्छे शेर कहे हैं ...
बहुत सुंदर रचना, एक राय मेरी रचना पर भी
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