अर्सा एक लम्बा गुजर गया उनसे मुखातिब हुए l
महताब वो भी कभी पिघला होगा दीदार के लिए ll
रंगीन यादों की अज़ीज़ ख्यालातों दर्पण में l
टकरा गए वो एक रोज नदी के उस मुहाने पे ll
अक्सर मिला करते थे चाँद चकोर जिस किनारे पर l
लिखने नाम अपना पानी की उन मचलती दीवारों पर ll
छुपी थी हया रुखसार की उन सुहानी वादियों में l
बादलों की ओट से झाँकती शबनमी आँखों में ll
हलकी हलकी मधुर दिल की वो चितवन सी आवाज़ें l
रूहानियत बरसाया करती थी जो उन रूहानी रातों में ll
यूँ अचानक यादों में उनका फिर से आ बस जाना l
खोल झरोखें परछाई बन उनका फिर उतर आना ll
कयास ना था अहसास मीठा सा इतना अपने पास था l
फासलों में भी अहसास फासलों का दूर तलक ना था ll
अर्सा एक लम्बा गुजर गया उनसे मुखातिब हुए l
महताब वो भी कभी पिघला होगा दीदार के लिए ll
बहुत सुन्दर प्रिय मनोज 👌👌👌 प्रेमिल अनुभूतियों का अभिनव संसार सहेजे अत्यंत खूबसूरत अशार सीसीसे सजी रचना। सभी शेर बहुत प्यारे हैं। हार्दिक शुभकामनाए !
ReplyDeleteआदरणीया रेणु दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
सादर
छुपी थी हया रुखसार की उन सुहानी वादियों में l
ReplyDeleteबादलों की ओट से झाँकती शबनमी आँखों में ll
हलकी हलकी मधुर दिल की वो चितवन सी आवाज़ें l
रूहानियत बरसाया करती थी जो उन रूहानी!!!!
👌👌👌💐💐
आदरणीया दीदी जी
Deleteबहुत बहुत धन्यावाद
सादर
ऐसी कविताएं काव्य के स्थापित मानदंडों के निकष पर नहीं परखी जा सकतीं मनोज जी। ऐसी कविताएं दिल से निकलती हैं बस! इनका मूल्य इन्हें पढ़ने वालों के निमित्त कम एवं इन्हें सिरजने वाले के निमित्त अधिक होता है क्योंकि यह उसके मन का स्वर ही होता है जो शब्दों में प्रकट होता है। अभिनंदन आपका।
ReplyDeleteआदरणीय जितेंद्र भाई साब
Deleteआपका शुक्रिया करने मेरे पास अल्फाज़ कम हैं, कितने सुन्दर वर्णन से आपने मेरी रचना की समीक्षा कर मेरी हौसला अफजाई की उसके लिए आपको दिल से नमन.
बहुत सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteआदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
सादर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 13 अक्टूबर 2021 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
आदरणीया पम्मी दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिये तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ l
आभार
कयास ना था अहसास मीठा सा इतना अपने पास था l
ReplyDeleteफासलों में भी अहसास फासलों का दूर तलक ना था ll
रिश्तो की यही तो खासियत होती है! बहुत ही सुंदर व प्यारी रचना!
आदरणीया मनीषा दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
सादर
बहुत खूब ।
ReplyDeleteआदरणीया संगीता दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणा दायक शब्दों से होंसला अफजाई के तहे दिल से आपका शुक्रिया
सादर