मशरूफ ना हो जिंदगी तुम इतनी भी l
फुर्सत मिले ना प्यार को इतनी भी ll
तरसती रह जाएँ शोख़ियाँ दिल की l
क़ुरबत उस हसीन गुलमोहर आने की ll
साज बन जो ढली हो सरगम सी l
ग़ज़ल बन निखरों अल्फाजों की ll
मुराद नायाब इस अंजुमन की l
खलिश जवां जवां मुख़्तसर की ll
गुज़ारिश हैं करवटें बदलते रातों की l
खुलूस रातें बहके हो थोड़ी रूमानी सी ll
महके हिना गुलबदन काफिर की l
फ़रियाद कर रही रूह साँसों की ll
बहुत सुंदर सृजन।
ReplyDeleteआदरणीया मीना दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपको नमन
सुंदर
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपको नमन
सच कहा कि इतनी फुर्सत तो होनी ही चाहिए सबों को ताकि प्यार को बचा सके । बहुत ही बढ़िया कथ्य ।
ReplyDeleteआदरणीया अमृता दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपको नमन
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (24-8-21) को "कटु यथार्थ"(चर्चा अंक 4166) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
आदरणीया कामिनी दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए आपको दिल से नमन
सुंदर सारगर्भित शेर,बहुत शुभकामनाएँ मनोज जी।
ReplyDeleteआदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपको नमन
प्रेम का होना ही बहुत है जिंदगी में ...
ReplyDeleteसुन्दर सृजन ...
आदरणीय दिगम्बर भाई साब
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपको नमन
सुंदर सार्थक उम्दा सृजन।
ReplyDeleteअभिनव।
आदरणीया कुसुम दीदी जी
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपको नमन
बहुत उम्दा रूहानी फरियाद साँसों की।
ReplyDeleteआदरणीय विश्वमोहन भाई साब
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपको नमन
बहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय आलोक भाई साब
Deleteसुन्दर प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपको नमन