महफ़ूज थी कुछ यादें वक़्त के उस क़िरदार में l
गुजर गयी बिन बरसे ही आवारा बादल साथ में ll
सफ़र इतना ही था मेरा फ़िज़ाओं के गुलज़ार में l
पतझड़ का मौसम सजा था बहारों के बाग़ में ll
पर कतरे परिंदों सा बंद था ख्यालों के पिंजार में l
चहकी जिसकी बोलियाँ कभी बरगद की शाख में ll
निर्जन सी सपनों की कुटियाँ इस निर्धन के पास में l
अश्रुओं का मंजर बहा ले गयी यह गुलिश्तां साथ में ll
खाली खाली नींदें सिर्फ़ खाली खाली सौदे पास में l
एकाकी के इस पल में यादें भी नहीं रही साथ में ll
मशरूफ थी जो शोखियाँ कभी गुलमोहर साथ में l
इस अंजुमन खल रही उनकी ही खलिस पास में ll
फरियाद थी महकती रहे यादों की हिना साथ में l
गुज़ारिश रास ना आयी उस काफ़िर को ख्यालात में ll
फ़लसफ़ा मजमून इतना सा ही था मेरे पास में l
यादें सदा हमसफ़र बनी रहे मेरे हर किरदार में ll
बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteआदरणीय पुरूषोतम जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (22 -6-21) को "अपनो से जीतना नहीं , अपनो को जीतना है मुझे!"'(चर्चा अंक- 4109 ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
--
कामिनी सिन्हा
आदरणीया कामिनी दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए शुक्रिया
सादर
बहुत उम्दा ग़ज़ल, दाद स्वीकारें.
ReplyDeleteआदरणीया शबनम दीदी जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर
पतझड़ का मौसम सजा था बहारों के बाग़ में''
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुंदर
आदरणीय गगन जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर
मनोज जी बहुत बहुत सराहनीय सुन्दर गजल |
ReplyDeleteआदरणीय आलोक जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर
बहुत सुन्दर वर्णन
ReplyDeleteआदरणीया प्रीति दीदी जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर
वाह!सराहनीय सृजन अनुज।
ReplyDeleteसादर
आदरणीया अनिता दीदी जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर
यादें सदा हमसफ़र बनी रहें मेरे हर किरदार में। बहुत अच्छी बात कही मनोज जी आपने। होता भी यही है। कोई और हमसफ़र हो न हो, यादें हमेशा हमसफ़र रहती हैं।
ReplyDeleteआदरणीय जितेन्द्र जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर
बहुत ही उम्दा ग़ज़ल , बेहतरीन सुंदर।
ReplyDeleteआदरणीया दीदी जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर
वाह! क्या बात है !
ReplyDeleteआदरणीया अमृता दीदी जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
सादर