स्पर्श था उनकी मीठी मीठी यादों का l
मन्नत की कलाई से बंधे धागों का ll
फ़ितरत धुन थी ही उनकी इतनी नायाब l
शुमार कर लेती हर पैगाम अपने नाम ll
सागर मचल रहा था आतुर उस किनारें को l
ठहर गया था वक़्त आतुर उस साये को ll
मग्न थी वो तारों के शहर अपने सफ़र में l
ख़बर ना थी मुझको भी अपनी उस पल में ll
चाह ना पूछना
उस माली की अब रुखसार l
मरुधर आस लगाए
बैठा मीठे पानी
की धार ll
सिलसिला हैं इंतज़ार
की नयी सहर आस l
उड़ा ले
जाती पवन बदरी किसी दूजे पास ll
तारीख ने तहरीर
लिखी थी उनके
आने की l
तसब्बुर में चाहत
थी उनके कुर्बत
में आने की ll
संदेशा आया फलक
तक हमसफ़र सितारों की l
आफ़ताब भी फ़ना हैं इसके रुबाब नज़रों की ll
चाह ना पूछना उस माली की अब रुखसार l
ReplyDeleteमरुधर आस लगाए बैठा मीठे पानी की धार ll
बहुत खूब,सादर नमन आपको
आदरणीया कामिनी दीदी जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के तहे दिल से शुक्रिया
सादर
वाह ... बहुत खूब ।। क्या कहने रुबाब नज़रों के ।
ReplyDeleteआदरणीया संगीता दीदी जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के तहे दिल से शुक्रिया
सादर
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13-05-2021को चर्चा – 4,064 में दिया गया है।
ReplyDeleteआपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
धन्यवाद सहित
दिलबागसिंह विर्क
आदरणीय दिलबाग जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
सादर
बहुत खूब ...
ReplyDeleteसभी शेर बहुत अच्छे हैं ... अलग अंदाज़ लिए ...
आदरणीय दिगंबर जी
Deleteबहुत बहुत शुक्रिया
सादर
वाह,क्या खूब लिखा है आपने।
ReplyDeleteआदरणीय शिवम् जी
Deleteबहुत बहुत शुक्रिया
सादर
स्पर्श था उनकी मीठी मीठी यादों का l
ReplyDeleteमन्नत की कलाई से बंधे धागों का ll
फ़ितरत धुन थी ही उनकी इतनी नायाब l
शुमार कर लेती हर पैगाम अपने नाम ll
सुंदर अंदाजे बयां मनोज जी | प्रेमिल भावनाओं का मधुर शब्दांकन | हार्दिक शुभकामनाएं| अच्छा लिख रहे हैं आप |
आदरणीया रेणु दीदी जी
ReplyDeleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया
सादर
बहुत सुंदर रचना।
ReplyDeleteआदरणीया ज्योति दीदी जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई बहुत बहुत शुक्रिया
सादर
बेहतरीन रचना।
ReplyDeleteआदरणीया अनुराधा दीदी जी
Deleteहृदयतल से आपका शुक्रिया
सादर
चाह ना पूछना उस माली की अब रुखसार l
ReplyDeleteमरुधर आस लगाए बैठा मीठे पानी की धार ll
सिलसिला हैं इंतज़ार की नयी सहर आस l
उड़ा ले जाती पवन बदरी किसी दूजे पास ll---बहुत खूब मनोज जी।
आदरणीय संदीप जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
सादर