चूड़ियाँ गिनने बैठा उसकी कलाई की l
खनक उतर गयी दिल गहराई की ll
राज़दार उसकी आँखे बन गयी l
तसब्बुर में जलते अँगारों सी ll
दफ़न अब तलक सीने में थी जो चिंगारी l
सोहबत में उसकी रजा बन गयी परछाई की ll
रंगरेजन रंग गयी हौले से तन्हाई को l
महक उठी हीना जीने शहनाई को ll
पहन ली ताबीज़ बना उसके झाँझर के झंकारों की l
घुल गयी रातों में मिठास आगोश में सितारों सी ll
शरमा सिमट रही वो खुद के आँचल से ऐसे l
सकून भरी करवटों में मिला साथ चाँद का जैसे ll
लकीरें हाथों की सलवटें माथे की l
स्याह घुल रही जिस्म भींगी रातों सी ll
नादानियाँ भरी शोखियाँ थी उस चंचल काया की l
निखर आयी साँझ रंग भरे यादों के साये सी ll
रंग भरे यादों के साये सी l
रंग भरे यादों के साये सी ll
बहुत बढ़िया सर!
ReplyDeleteआदरणीय यशवंत भाई साब
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
सुंदरतम..
ReplyDeleteसादर प्रणाम
आदरणीया दीदी
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
अति सुन्दर सृजन ।
ReplyDeleteआदरणीया मीना दीदी जी
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
सुंदर!!!
ReplyDeleteआदरणीय विश्वमोहन जी
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
उम्दा अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteआदरणीया अमृता दीदी जी
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
वाह।
ReplyDeleteआदरणीय शिवम् जी
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
वाह।
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
ReplyDeleteजी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ५ जनवरी २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
आदरणीया स्वेता दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए दिल से शुक्रिया
आभार
सुन्दर रचना।
ReplyDeleteआदरणीय शास्त्री सर
Deleteआपसे बहुत कुछ सिखने मिला हैं , शब्द कम हैं धन्यवाद करने के लिए , आशा हैं भविष्य में भी आपका मार्गदर्शन मिलता रहेगा .
आभार
वाह!!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
आदरणीया सुधा दीदी
Deleteदिल से शुक्रिया
आभार
बहुत सुंदर। आपको शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआदरणीय वीरेन्द्र जी
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
चूड़ियाँ गिनने बैठा उसकी कलाई की।
ReplyDeleteखनक उतर गयी दिल गहराई की ।।
वाह भाई वाह! खूबसूरत शुरूआत के साथ सुंदर रचना।
बहुत सुंदर,लाजवाब रचना..
ReplyDeleteआदरणीया ज्योति दीदी जी
Deleteआपका दिल से शुक्रिया
आभार
वाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
बधाई
आदरणीय खरे जी
Deleteतहे दिल से आपका शुक्रिया
आभार
बेहतरीन रचना, एहसासो सी भरी हुई
ReplyDeleteआदरणीया ज्योति दीदी जी
Deleteआपका दिल से शुक्रिया
आभार
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteआदरणीया ज्योति दीदी जी
Deleteआपका दिल से शुक्रिया
आभार
आदरणीय आलोक जी
ReplyDeleteतहे दिल से आपका शुक्रिया
आभार
लाज़वाब
ReplyDeleteआदरणीय जी
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया
आभार
कितने सुंदर भाव भरे हैं आपने इस रचना में
ReplyDeleteबार बार पढ़ा, काफी अच्छा लगा .
आदरणीय संजय जी
Deleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
...रंगरेजन रंग गयी हौले से..
ReplyDeleteऔऱ वो बेचैनी आज भी सोने नहीं देती सुक़ून से
उम्दा जल तरंग सा भावनाओं का खेल
आदरणीय अमित भाई साब
Deleteहौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
आभार