लम्हें कुछ खुद से चुरा लाया l
कुछ ख़ुदा से उधार ले आया ll
तुम मिलोगे लम्हों के जिस पल को l
उस पल को जिंदगी की सौग़ात दे आया ll
बेचैन हो रही उम्रदराज लम्हें l
निशा ठिठोली कर रही अधेड़ लम्हें ll
कसूर चमकती राहों में ठहरे पलकों का था वैसे l
लुभा आँख मिचौली खेल रही पलकों का था जैसे ll
नज़र अंदाज़ ना कर पाया उन बीते लम्हों को वैसे l
सुलगा रही चिंगारी अरमानों में नये लम्हों को जैसे ll
करवटें गुमशुम हो गयी इन लम्हों के झरोखों में जैसे l
सूनी थी सेज़ बिन प्रितम खोये खोये इन लम्हों में जैसे ll
कर रहा हूँ बेक़रारी से इंतज़ार आनेवालें उन लम्हों का वैसे l
मिलोगे जब तुम अलविदा कह एकांकी गुजरे लम्हों को जैसे ll
मिलोगे जब तुम अलविदा कह एकांकी गुजरे लम्हों को जैसे l
मिलोगे जब तुम अलविदा कह एकांकी गुजरे लम्हों को जैसे ll