देख मुझे ऑनलाइन तुम ऑफ लाइन हो जाती हो l
डीपी बदलते ही सबसे पहले लाईक कर जाती हो ll
व्हाटस एप स्टेटस हो या फेस बुक l
कमेंट के नाम ठेंगा दिखा जाती हो ll
तुम कहती हो कोई खास रूचि नहीं l
फिर भी मेरी तस्वीरों को डाउनलोड करती जाती हो ll
भूल गयी तुम टेक्नोलॉजी ने युग बदल डाली हैं l
प्रोफाइल विजिट की ईमेल तुरंत मुझको पंहुचा जाती हैं ll
कैसे निहारु तुझे ऐ अजनबी महरबा l
तूने अपनी डीपी में भी तस्वीर मेरी जो लगा डाली हैं ll
वाह!!!
ReplyDeleteआदरणीय विश्व मोहन जी
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
आदरणीय सुशील जी
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
मनोज
तकनिकी और कविता ... अच्छा सामजस्य बैठाया है ...
ReplyDeleteआदरणीय दिगंबर जी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार