कहानी अपनी कुछ कुछ मिलती जुलती सी है l
इश्तिहारों से सजी जैसे कोई जुगलबंदी सी हैं ll
पर एकबारगी गिरवी क्या रख दिये l
डैने जैसे फड़फड़ाना ही भूल गये ll
निशान गहरे सजे थे तन गलियारों में l
निशां लम्बी थी खोये हुए मझधारों में ll
दर्पण भी पहचानना भूल गयी l
घेर लिया उत्कंठि ज्वालाओं ने ll
बेदखल हूँ क्षतिज के हर अरमानों से l
मौन स्तब्ध हूँ अपने ही साये से ll
तू भी निःशब्द जकड़ी जंजीरों में l
टिमटिमा रही हो जैसे मज़बूरी में ll
एक सहमी चीत्कार हैं अपनी बंदगानी में l
मिलती जुलती सी फ़रियाद हैं तेरी मेरी कहानी में ll
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13.8.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
आदरणीय दिलबाग जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के शुक्रिया
आभार
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको।
आदरणीय शास्त्री जी
Deleteआपको भी कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
एवं रचना पसंद करने की लिए दिल से शुक्रिया
आभार
सुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय सुशील जी
Deleteरचना पसंद करने एवं हौशला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
आभार
बहुत खूब ...
ReplyDeleteअच्छी रचना है ...
आदरणीय दिगंबर जी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
वाह! बहुत सुंदर।
ReplyDeleteआदरणीय विश्व मोहन जी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
वाह .... बहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteबधाई 🙏
आदरणीया वर्षा दीदी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
मैंने आपका ब्लॉग follow कर लिया है । यदि आप भी मेरा ब्लॉग follow करें तो कृपा होगी । धन्यवाद 🙏
ReplyDeleteआदरणीया वर्षा दीदी
Deleteअवश्य
आभार
बहुत सुन्दर सृजन मनोज जी !
ReplyDeleteआदरणीया मीना दीदी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
वाह!लाजवाब सृजन सर भावों एवं शब्दों का सराहनीय ताना बाना गूँथा है।
ReplyDeleteसादर प्रणाम
आदरणीया अनीता दीदी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
कहानी अपनी कुछ कुछ मिलती जुलती सी है l
ReplyDeleteइश्तिहारों से सजी जैसे कोई जुगलबंदी सी हैं,,,,,,,,बहुत सुंदर और भावपूर्ण सृजन ।शुभकामनाएँ
आदरणीया मधुलिका दीदी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
पर एकबारगी गिरवी क्या रख दिये l
ReplyDeleteडैने जैसे फड़फड़ाना ही भूल गये ll
वाह!!!
बहुत सुन्दर ...भावपूर्ण सृजन।
आदरणीया सुधा दीदी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार
बहुत ही सुंदर रचना
ReplyDeleteआदरणीय सवाई जी
Deleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया
आभार