रुला रुला आँसुओ को मैं सुला आया
बोझिल पलकों को तम के साहिल में डूबो आया
खुदगर्ज़ हो चले थे जो जज्बात
जनाजे की बारात में दफ़न उन्हें कर आया
अरमानो के वो मुक़ाम टिसन जिसकी चुभ रही
लहू की बारिस में उन्हें भी भिगों आया
कर रुसवाई यादों के भँवर से
निंद्रा की आगोश में खुद को लुटा आया
पर अन्तर्मन की करुण रूँधो से
एक बारी साया भी घबरा आया
फिर भी
रुला रुला आँसुओ को मैं सुला आया
आँसुओ को मैं सुला आया
बोझिल पलकों को तम के साहिल में डूबो आया
खुदगर्ज़ हो चले थे जो जज्बात
जनाजे की बारात में दफ़न उन्हें कर आया
अरमानो के वो मुक़ाम टिसन जिसकी चुभ रही
लहू की बारिस में उन्हें भी भिगों आया
कर रुसवाई यादों के भँवर से
निंद्रा की आगोश में खुद को लुटा आया
पर अन्तर्मन की करुण रूँधो से
एक बारी साया भी घबरा आया
फिर भी
रुला रुला आँसुओ को मैं सुला आया
आँसुओ को मैं सुला आया
No comments:
Post a Comment