किरदार अपना तलाश रहा हूँ
जमाने की ठोकरों में बचपन अपना तलाश रहा हूँ
धधक रही ज्वाला जो इस दिल में
पूर्णाहुति में उसकी यादें अपनी तलाश रहा हूँ
बरगद की छावं में कागज़ की नाव में
ठिकाने ठहाकों के तलाश रहा हूँ
उड़ा ले गए वक़्त के थपेड़े जिन लम्हों को
आँखों में औरों की सपने वो तलाश रहा हूँ
आवारा बादलों में चाँदनी के नूर में
अक्स चाँद का तलाश रहा हूँ
कुछ और नहीं
उम्र के इस पड़ाव पर
खुदा बन
खुद में खुद को तलाश रहा हूँ
खुद में खुद को तलाश रहा हूँ
जमाने की ठोकरों में बचपन अपना तलाश रहा हूँ
धधक रही ज्वाला जो इस दिल में
पूर्णाहुति में उसकी यादें अपनी तलाश रहा हूँ
बरगद की छावं में कागज़ की नाव में
ठिकाने ठहाकों के तलाश रहा हूँ
उड़ा ले गए वक़्त के थपेड़े जिन लम्हों को
आँखों में औरों की सपने वो तलाश रहा हूँ
आवारा बादलों में चाँदनी के नूर में
अक्स चाँद का तलाश रहा हूँ
कुछ और नहीं
उम्र के इस पड़ाव पर
खुदा बन
खुद में खुद को तलाश रहा हूँ
खुद में खुद को तलाश रहा हूँ
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (06-08-2019) को "मेरा वजूद ही मेरी पहचान है" (चर्चा अंक- 3419) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय शास्त्री जी
Deleteमेरी रचना को अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद
आभार
मनोज क्याल
खुद की ही तलाश मुश्किल है इस दुनिया में वर्ना सब कुछ खोजना आसान ...
ReplyDeleteएकच रचना है ...
आदरणीय नासवा जी
Deleteमेरी रचना को पसंद करने के लिए बहुत धन्यवाद
आभार
मनोज क्याल
ReplyDeleteजी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना 7 अगस्त 2019 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
आदरणीय तृप्ति जी
Deleteमेरी रचना को अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद
आभार
मनोज क्याल
ख़ुदा की तलाश में निकलते हैं सब
ReplyDeleteमगर हम इतने बेवकूफ नहीं है
हम तो खुद ही की तलाश में निकलते हैं.
सुंदर लाजवाब रचना.
पहली बार आपका ब्लॉग पढ़ा है... मजा आ गया... आप भी मेरे ब्लॉग तक आयें कभी -- कायाकल्प
आदरणीय रोहितास जी
Deleteमेरी रचना को पसंद करने के लिए बहुत धन्यवाद
आभार
मनोज क्याल
बहुत उम्दा, आध्यात्मिक भावों से सजी रचना "खुद की तलाश "
ReplyDeleteसुंदर।
आदरणीय जी
Deleteमेरी रचना को पसंद करने के लिए बहुत धन्यवाद
आभार
मनोज क्याल