Sunday, August 4, 2019

तलाश

किरदार अपना तलाश रहा हूँ

जमाने की ठोकरों में बचपन अपना तलाश रहा हूँ

धधक रही ज्वाला जो इस दिल में

पूर्णाहुति में उसकी यादें अपनी तलाश रहा हूँ

बरगद की छावं में कागज़ की नाव में

ठिकाने ठहाकों के तलाश रहा हूँ

उड़ा ले गए वक़्त के थपेड़े जिन लम्हों को

आँखों में औरों की सपने वो तलाश रहा हूँ

आवारा बादलों में चाँदनी के नूर में

अक्स चाँद का तलाश रहा हूँ

कुछ और नहीं

उम्र के इस पड़ाव पर

खुदा बन

खुद में खुद को तलाश रहा हूँ

खुद में खुद को तलाश रहा हूँ   

10 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (06-08-2019) को "मेरा वजूद ही मेरी पहचान है" (चर्चा अंक- 3419) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय शास्त्री जी
      मेरी रचना को अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद
      आभार
      मनोज क्याल

      Delete
  2. खुद की ही तलाश मुश्किल है इस दुनिया में वर्ना सब कुछ खोजना आसान ...
    एकच रचना है ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय नासवा जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए बहुत धन्यवाद
      आभार
      मनोज क्याल

      Delete

  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना 7 अगस्त 2019 के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय तृप्ति जी
      मेरी रचना को अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद
      आभार
      मनोज क्याल

      Delete
  4. ख़ुदा की तलाश में निकलते हैं सब
    मगर हम इतने बेवकूफ नहीं है
    हम तो खुद ही की तलाश में निकलते हैं.
    सुंदर लाजवाब रचना.
    पहली बार आपका ब्लॉग पढ़ा है... मजा आ गया... आप भी मेरे ब्लॉग तक आयें कभी -- कायाकल्प 

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय रोहितास जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए बहुत धन्यवाद
      आभार
      मनोज क्याल

      Delete
  5. बहुत उम्दा, आध्यात्मिक भावों से सजी रचना "खुद की तलाश "
    सुंदर।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए बहुत धन्यवाद
      आभार
      मनोज क्याल

      Delete