कोशिश करता हूँ मुस्कराने की
रुन्दन के आलाप को छिपाने की
दगा पर दे जाती हैं लकीरें ललाटों की
सूनी पथराई आँखों का मंजर
कह रहा देख ताबीर हाथों की
ले कटारी उकेर दूँ
किस्मत की इन अछूती लकीरों को भी
भूल गया था सँवारने खुदा जिन्हें
सपनों की अनमोल जल तरंगों सी
प्यासी रह गयी थी अन्तरआत्मा
रिस रहा लहू अंतर्द्वंद के प्रहरों से भी
वक़्त के पहले चहरे पर पड़ी सलवटें
चीख चीख सुना रही कहानियों इन लक़ीरों की
कर समझौता उदासी के इन रंगों से
उम्र अब एक नयी लिखूँ
बेबजह मुस्कराने की
बेबजह मुस्कराने की
रुन्दन के आलाप को छिपाने की
दगा पर दे जाती हैं लकीरें ललाटों की
सूनी पथराई आँखों का मंजर
कह रहा देख ताबीर हाथों की
ले कटारी उकेर दूँ
किस्मत की इन अछूती लकीरों को भी
भूल गया था सँवारने खुदा जिन्हें
सपनों की अनमोल जल तरंगों सी
प्यासी रह गयी थी अन्तरआत्मा
रिस रहा लहू अंतर्द्वंद के प्रहरों से भी
वक़्त के पहले चहरे पर पड़ी सलवटें
चीख चीख सुना रही कहानियों इन लक़ीरों की
कर समझौता उदासी के इन रंगों से
उम्र अब एक नयी लिखूँ
बेबजह मुस्कराने की
बेबजह मुस्कराने की