Monday, April 1, 2019

कुँजी

जज्बातों की ताबीर

अनछुए पहलुओं से टकरा गयी

खनखनाहट इसकी हौले से

कानों में कुछ गुनगुना गयी

एक नए तिल्सिम का पिटारा खोल

रंगीन जादुई दुनिया बसा गयी

सपनों के इस संसार ने

रातों की नींद भुला दी

और संग अपने जीने

कुँजी जज्बातों की थमा दी

भूली बिसरी यादों को आयाम नया दे

जज्बातों की ताबीर

जिंदगी जीने का सलीक़ा सीखा गयी

जिंदगी जीने का सलीक़ा सीखा गयी

  

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