चिनारों की दरख़तों से फ़िज़ा लौट आयी
इबादत की मीनारों से रूह लौट आयी
सलवटें पड़ गयी रिश्तों की गलियारों में
भूल जो मेरे वजूद का क़िरदार
ढूँढती फिरी आसमां में महताब
लकीरें थी हाथों में मगर
क़िस्मत नहीं थी चाँद सितारों सी पास
नम थी दिल की जमीं पलकें थी भीगीं भीगीं
पर वो ना थी कही आस पास
छुपी थी जैसे बादलों के पार
ख्यालों की भीड़ में खो गयी अरमानों की दास्ताँ
आरज़ू उल्फ़त सनाट्टा बन छा गई दिल के आस पास
ना कोई ख्वाईशें ना कोई तरंगें छेड़ रही अब दिल के तार
बेज़ार हो उठी ख़ुद से ख़ुद के दिल की बात
उलझ रह गए बस रिश्तों के तार
सवालों के पहाड़ों में ढूँढता फिरा मैं अपना क़िरदार
टूटे दिलों में जगा ना पाया उन अहसासों के जज़्बात
बस टटोलता फिरा दिलों में दिल की बात, दिल की बात
इबादत की मीनारों से रूह लौट आयी
सलवटें पड़ गयी रिश्तों की गलियारों में
भूल जो मेरे वजूद का क़िरदार
ढूँढती फिरी आसमां में महताब
लकीरें थी हाथों में मगर
क़िस्मत नहीं थी चाँद सितारों सी पास
नम थी दिल की जमीं पलकें थी भीगीं भीगीं
पर वो ना थी कही आस पास
छुपी थी जैसे बादलों के पार
ख्यालों की भीड़ में खो गयी अरमानों की दास्ताँ
आरज़ू उल्फ़त सनाट्टा बन छा गई दिल के आस पास
ना कोई ख्वाईशें ना कोई तरंगें छेड़ रही अब दिल के तार
बेज़ार हो उठी ख़ुद से ख़ुद के दिल की बात
उलझ रह गए बस रिश्तों के तार
सवालों के पहाड़ों में ढूँढता फिरा मैं अपना क़िरदार
टूटे दिलों में जगा ना पाया उन अहसासों के जज़्बात
बस टटोलता फिरा दिलों में दिल की बात, दिल की बात
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (28-01-2019) को "सिलसिला नहीं होता" (चर्चा अंक-3230) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आवश्यक सूचना :
ReplyDeleteअक्षय गौरव त्रैमासिक ई-पत्रिका के प्रथम आगामी अंक ( जनवरी-मार्च 2019 ) हेतु हम सभी रचनाकारों से हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में रचनाएँ आमंत्रित करते हैं। 15 फरवरी 2019 तक रचनाएँ हमें प्रेषित की जा सकती हैं। रचनाएँ नीचे दिए गये ई-मेल पर प्रेषित करें- editor.akshayagaurav@gmail.com
अधिक जानकारी हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जाएं !
https://www.akshayagaurav.com/p/e-patrika-january-march-2019.html
खूबसूरत पंक्तियाँ. मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
ReplyDeletehttps://iwillrocknow.blogspot.com/
sundar rachna
ReplyDelete