तस्वीर तेरी धुँधली हो गयी
या मेरे आँखों की रोशनी मंद हो गयी
छूट गयी यारी जो तेरी गलियों से
दूर हो गयी नजरें मेरी तेरी चाहतों से
बिन सप्तरंगी रंगों के आँगन में
खोये हुए ख्यालों की चादर में
हल्की हल्की मध्यम रोशनी के सायों में
जलते बुझते चाहतों के अँगारों में
आँख मिचौली खेल रही तस्वीर तेरी
मेरी बोझिल होती आँखों से
टूट ना जाये तस्वीरों का यह बंधन
टटोली फिर यादों की अलमारी
शायद मिल जाए रोशनी की कोई किरण
छट जाए धुंध पड़ी जो बनते बिगड़ते रिश्तों पर
निखर साफ़ हो आये तस्वीर पुनः
ओझल होती इन पलकों में
या मेरे आँखों की रोशनी मंद हो गयी
छूट गयी यारी जो तेरी गलियों से
दूर हो गयी नजरें मेरी तेरी चाहतों से
बिन सप्तरंगी रंगों के आँगन में
खोये हुए ख्यालों की चादर में
हल्की हल्की मध्यम रोशनी के सायों में
जलते बुझते चाहतों के अँगारों में
आँख मिचौली खेल रही तस्वीर तेरी
मेरी बोझिल होती आँखों से
टूट ना जाये तस्वीरों का यह बंधन
टटोली फिर यादों की अलमारी
शायद मिल जाए रोशनी की कोई किरण
छट जाए धुंध पड़ी जो बनते बिगड़ते रिश्तों पर
निखर साफ़ हो आये तस्वीर पुनः
ओझल होती इन पलकों में