वो दूर क्या गये एक भूल से
दिल यादों का कब्रगाह बन गया
फ़नाह थी जो मोहब्बत कभी
लिपटी रहती थी फूलों की चादर सी
जो कभी इस मज़ार से
मुरझा रुखसत हो गयी
अलविदा कह
तन्हा बैचेन छोड़ गयी इस रूह को
भटकने यादों के कब्रिस्तान में
भटकने यादों के कब्रिस्तान में
दिल यादों का कब्रगाह बन गया
फ़नाह थी जो मोहब्बत कभी
लिपटी रहती थी फूलों की चादर सी
जो कभी इस मज़ार से
मुरझा रुखसत हो गयी
अलविदा कह
तन्हा बैचेन छोड़ गयी इस रूह को
भटकने यादों के कब्रिस्तान में
भटकने यादों के कब्रिस्तान में