कोशिशें बहुत की
मुड़ कर जाते कदमों को रोक लूँ
पर कह न पाया दिल की जो बात
रुख उनकी हवाओं का कैसे मोड़ दूँ
लफ्ज़ जाने आज क्यों इतने पराये हो गए
लबों पे आते आते बेगाने हो गए
पलट गयी थी अब दिल की हर बाज़ी
कर रुखसत चुपके से यारी हमारी
यारी हमारी
मुड़ कर जाते कदमों को रोक लूँ
पर कह न पाया दिल की जो बात
रुख उनकी हवाओं का कैसे मोड़ दूँ
लफ्ज़ जाने आज क्यों इतने पराये हो गए
लबों पे आते आते बेगाने हो गए
पलट गयी थी अब दिल की हर बाज़ी
कर रुखसत चुपके से यारी हमारी
यारी हमारी
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