बड़ी जादुई हैं अल्फाजों की दुनिया
दर्द अगर मिल जाये तो
बिखर जाती हैं रुमानियत की दुनिया
बिखर जाती हैं रुमानियत की दुनिया
कभी गीत तो कभी ग़ज़ल बन
अफसानों में निखर आती हैं दुनिया
अफसानों में निखर आती हैं दुनिया
खामोश लफ्जों से जब बयां होती हैं
सज जाती हैं फिर अल्फाजों की एक नयी दुनिया
सज जाती हैं फिर अल्फाजों की एक नयी दुनिया
अश्क़ भी रो पड़ते हैं
अश्क़ भी रो पड़ते हैं
देख इनकी तन्हा भरी दुनिया
दफ़न हैं कहीं दिल की गहराईओं में
समटे अनगिनत राज अल्फाजों की दुनिया
समटे अनगिनत राज अल्फाजों की दुनिया
क्योंकि
बड़ी जादुई हैं अल्फाजों की दुनिया
बड़ी जादुई हैं अल्फाजों की दुनिया
दर्द अगर मिल जाये तो
बिखर जाती हैं रुमानियत की दुनिया
बिखर जाती हैं रुमानियत की दुनिया
कभी गीत तो कभी ग़ज़ल बन
अफसानों में निखर आती हैं दुनिया
अफसानों में निखर आती हैं दुनिया
खामोश लफ्जों से जब बयां होती हैं
सज जाती हैं फिर अल्फाजों की एक नयी दुनिया
सज जाती हैं फिर अल्फाजों की एक नयी दुनिया
अश्क़ भी रो पड़ते हैं
अश्क़ भी रो पड़ते हैं
देख इनकी तन्हा भरी दुनिया
दफ़न हैं कहीं दिल की गहराईओं में
समटे अनगिनत राज अल्फाजों की दुनिया
समटे अनगिनत राज अल्फाजों की दुनिया
क्योंकि
बड़ी जादुई हैं अल्फाजों की दुनिया
बड़ी जादुई हैं अल्फाजों की दुनिया
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (14-01-2018) को "मकर संक्रंति " (चर्चा अंक-2848) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हर्षोंल्लास के पर्व लोहड़ी और मकर संक्रान्ति की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'