लाख जतन की हमनें इश्क़ छुपाने की
पर उनके दिए गुलाबों ने
खुश्बू चमन में ऐसी बिखरा दी
बात जो अब तलक जो दिलों की दरम्यां थी
अब वो हर महफ़िल में चर्चें ख़ास हो गयी
यारों क्या अब करे
जिन गुलाबों को बड़ी हिफाज़त से छुपा
नज़राना इश्क़ जो उन्होंने पेश किया
बिन कहे ही
रंगो ने उनके चमन को गुलज़ार कर दिया
गुलाब ने अपनी खुश्बुओं से
हमारी चाहत को भी एक नाम दे दिया
पर उनके दिए गुलाबों ने
खुश्बू चमन में ऐसी बिखरा दी
बात जो अब तलक जो दिलों की दरम्यां थी
अब वो हर महफ़िल में चर्चें ख़ास हो गयी
यारों क्या अब करे
जिन गुलाबों को बड़ी हिफाज़त से छुपा
नज़राना इश्क़ जो उन्होंने पेश किया
बिन कहे ही
रंगो ने उनके चमन को गुलज़ार कर दिया
गुलाब ने अपनी खुश्बुओं से
हमारी चाहत को भी एक नाम दे दिया