पल दो पल सकून से जी लेने दे ए जिंदगी
कुछ और नहीं
बस अपने आप से गुफ्तगूँ कर लेने दे ए जिंदगी
साँसों के अहसानों की रजामंदी में
ग़लतफ़हमी से खुशफ़हमी कर लेने दे ये जिंदगी
सफ़र वृतांत सारांश में
पुनः मासूमियत को तलाशने दे ए जिंदगी
हार के डर से नहीं जीत के ख़ौफ़ से
बदलते परिवेश को रूबरू होने दे ए जिंदगी
मिथ्या समझौतों के इस महा समर से
कुछ धड़कने मुझे उधार दे दे ए जिंदगी
कुछ और नहीं
पल दो पल सकून से जी लेने दे ए जिंदगी
कुछ और नहीं
बस अपने आप से गुफ्तगूँ कर लेने दे ए जिंदगी
साँसों के अहसानों की रजामंदी में
ग़लतफ़हमी से खुशफ़हमी कर लेने दे ये जिंदगी
सफ़र वृतांत सारांश में
पुनः मासूमियत को तलाशने दे ए जिंदगी
हार के डर से नहीं जीत के ख़ौफ़ से
बदलते परिवेश को रूबरू होने दे ए जिंदगी
मिथ्या समझौतों के इस महा समर से
कुछ धड़कने मुझे उधार दे दे ए जिंदगी
कुछ और नहीं
पल दो पल सकून से जी लेने दे ए जिंदगी