कोशिश बहुत की
समेट लूँ कुछ उलझनें अपनी
हैरान आश्चर्य चकित रह गया
पहेलियों सा जाल इसका देख कर
छोर मगर उसका ढूंढ ना पाया
धड़कने भी अपनी रोक के
बदहाल बेहाल हो गयी साँसे
दास्तानें उलझनों की सुन के
दास्तानें उलझनों की सुन के
समेट लूँ कुछ उलझनें अपनी
हैरान आश्चर्य चकित रह गया
पहेलियों सा जाल इसका देख कर
छोर मगर उसका ढूंढ ना पाया
धड़कने भी अपनी रोक के
बदहाल बेहाल हो गयी साँसे
दास्तानें उलझनों की सुन के
दास्तानें उलझनों की सुन के
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