समय के थपेड़ों ने सबक़ ऐसा सीखा दिया
लोहा भी आग में दमक
सोना सा निख़ार पा गया
सम्बोधन काल चक्र ऐसा बना
वाणी स्पर्श मात्र से
चिराग रोशन हो गया
अभिव्यक्ति की इस अनमोल धरोहर ने
सूत्र प्रकाश पुंज ऐसा प्रज्वलित कर दिया
अँधेरे में भी रौशनी का आभास हो गया
लगन समर्पण विचरण
छूने नभ आतुर हो गया
आधार आकार शून्य संगम
धुर्व तारा सा बन चमक गया
बदलते परिवेश के उतार चढ़ाव ने
इस रंगमंच को आयाम नया थमा दिया
अध्याय फ़िर ऐसा खूबसूरत प्रारंभ हुआ
जड़ चेतन ज्ञान वट वृक्ष बन गया
ज्ञान वट वृक्ष बन गया
लोहा भी आग में दमक
सोना सा निख़ार पा गया
सम्बोधन काल चक्र ऐसा बना
वाणी स्पर्श मात्र से
चिराग रोशन हो गया
अभिव्यक्ति की इस अनमोल धरोहर ने
सूत्र प्रकाश पुंज ऐसा प्रज्वलित कर दिया
अँधेरे में भी रौशनी का आभास हो गया
लगन समर्पण विचरण
छूने नभ आतुर हो गया
आधार आकार शून्य संगम
धुर्व तारा सा बन चमक गया
बदलते परिवेश के उतार चढ़ाव ने
इस रंगमंच को आयाम नया थमा दिया
अध्याय फ़िर ऐसा खूबसूरत प्रारंभ हुआ
जड़ चेतन ज्ञान वट वृक्ष बन गया
ज्ञान वट वृक्ष बन गया
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-09-2017) को रजाई ओढ़कर सोता, मगर ए सी चलाता है; चर्चामंच 2739 पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'