समय के थपेड़ों ने सबक़ ऐसा सीखा दिया
लोहा भी आग में दमक
सोना सा निख़ार पा गया
सम्बोधन काल चक्र ऐसा बना
वाणी स्पर्श मात्र से
चिराग रोशन हो गया
अभिव्यक्ति की इस अनमोल धरोहर ने
सूत्र प्रकाश पुंज ऐसा प्रज्वलित कर दिया
अँधेरे में भी रौशनी का आभास हो गया
लगन समर्पण विचरण
छूने नभ आतुर हो गया
आधार आकार शून्य संगम
धुर्व तारा सा बन चमक गया
बदलते परिवेश के उतार चढ़ाव ने
इस रंगमंच को आयाम नया थमा दिया
अध्याय फ़िर ऐसा खूबसूरत प्रारंभ हुआ
जड़ चेतन ज्ञान वट वृक्ष बन गया
ज्ञान वट वृक्ष बन गया
लोहा भी आग में दमक
सोना सा निख़ार पा गया
सम्बोधन काल चक्र ऐसा बना
वाणी स्पर्श मात्र से
चिराग रोशन हो गया
अभिव्यक्ति की इस अनमोल धरोहर ने
सूत्र प्रकाश पुंज ऐसा प्रज्वलित कर दिया
अँधेरे में भी रौशनी का आभास हो गया
लगन समर्पण विचरण
छूने नभ आतुर हो गया
आधार आकार शून्य संगम
धुर्व तारा सा बन चमक गया
बदलते परिवेश के उतार चढ़ाव ने
इस रंगमंच को आयाम नया थमा दिया
अध्याय फ़िर ऐसा खूबसूरत प्रारंभ हुआ
जड़ चेतन ज्ञान वट वृक्ष बन गया
ज्ञान वट वृक्ष बन गया