उम्र ना पूछ ए हबीबी
बचपन संग जीना अभी बाकी हैं
जवानी की दहलीज़ में फ़ासले
दो चार क़दमों के अभी बाकी हैं
जिंदादिली की मिशाल ही
उम्र के हर पड़ाव के लिए काफ़ी हैं
सँवरती हैं खिलखिलाती सी हँसी
यहाँ तभी
राज इसके उम्र पे जब भारी हैं
जी भर जी लेने दे अभी
ए हबीबी
इस उम्र की तारीख़ अभी बाकी हैं
इस उम्र की तारीख़ अभी बाकी हैं
बचपन संग जीना अभी बाकी हैं
जवानी की दहलीज़ में फ़ासले
दो चार क़दमों के अभी बाकी हैं
जिंदादिली की मिशाल ही
उम्र के हर पड़ाव के लिए काफ़ी हैं
सँवरती हैं खिलखिलाती सी हँसी
यहाँ तभी
राज इसके उम्र पे जब भारी हैं
जी भर जी लेने दे अभी
ए हबीबी
इस उम्र की तारीख़ अभी बाकी हैं
इस उम्र की तारीख़ अभी बाकी हैं