आरजू जिसकी कभी की नहीं
हसरतें जिंदगी वो कब बन गयी
दिल को ए पता ही ना चला
परिंदों सी परवाज़ भरती जिंदगानी
अटखेलियाँ करती साजों से
कब इंद्रधनुषी रंगों में रंग गयी
दिल को ए पता ही ना चला
वो चाँद कब गलहार बन
जिंदगी का हमसफ़र बन गया
दिल को ए पता ही ना चला
हसरतें जिंदगी वो कब बन गयी
दिल को ए पता ही ना चला
हसरतें जिंदगी वो कब बन गयी
दिल को ए पता ही ना चला
परिंदों सी परवाज़ भरती जिंदगानी
अटखेलियाँ करती साजों से
कब इंद्रधनुषी रंगों में रंग गयी
दिल को ए पता ही ना चला
वो चाँद कब गलहार बन
जिंदगी का हमसफ़र बन गया
दिल को ए पता ही ना चला
हसरतें जिंदगी वो कब बन गयी
दिल को ए पता ही ना चला