चले थे जो हस्ती हमारी मिटाने
खाब्ब उनके सुपर्दे खाक हो गए
भरी महफ़िल में भी
जिक्र हमारा देख
वो नामवाले गुमनाम हो गए
तलाशने फिर अपनी जमीं
वो तन्हा नादान
बेआबरू हो महफ़िल से रुखसत हो गए
खाब्ब उनके सुपर्दे खाक हो गए
भरी महफ़िल में भी
जिक्र हमारा देख
वो नामवाले गुमनाम हो गए
तलाशने फिर अपनी जमीं
वो तन्हा नादान
बेआबरू हो महफ़िल से रुखसत हो गए
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