बड़ी मनहूस थी वो रात
छूट गया जब तेरा मेरा साथ
बदलते हालातों की थी ए आग
भस्म हो गयी जिसमें रिश्तों की बुनियाद
गुम हो गयी वो थी प्यार की पुकार
रह गयी थी सिर्फ सिसकियों की आवाज़
बसने से पहले उजड़ गयी आशियाने की दीवार
रह गया खंडहर याद दिलाने उस रात का कोहराम
छूट गया जब तेरा मेरा साथ
बदलते हालातों की थी ए आग
भस्म हो गयी जिसमें रिश्तों की बुनियाद
गुम हो गयी वो थी प्यार की पुकार
रह गयी थी सिर्फ सिसकियों की आवाज़
बसने से पहले उजड़ गयी आशियाने की दीवार
रह गया खंडहर याद दिलाने उस रात का कोहराम
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