तू गुज़रे कल की बात ना कर
आने वाले कल की बात कर
सँवर जाएगा मुकद्दर
वक़्त को हमसफ़र बना के चल
तस्वीर फ़िर रंग जायेगी
महफ़िल क़ामयाबी की जब सज जायेगी
माना जो गुज़र गया वो अपना ना था
पर आनेवाला जो सपना था
वही एक पल तो अपना था
क़वायद इसलिए जिंदगी की तू सीख ले
कल के बदले आज में जीना सीख ले
आने वाले कल की बात कर
सँवर जाएगा मुकद्दर
वक़्त को हमसफ़र बना के चल
तस्वीर फ़िर रंग जायेगी
महफ़िल क़ामयाबी की जब सज जायेगी
माना जो गुज़र गया वो अपना ना था
पर आनेवाला जो सपना था
वही एक पल तो अपना था
क़वायद इसलिए जिंदगी की तू सीख ले
कल के बदले आज में जीना सीख ले