वक़्त ने जैसे किनारा कर लिया
परवाज़ भरने से पहले
दरिंदों ने जकड़ लिया
और पर कटे लहूलुहान परिंदों सा
मरने को छोड़ दिया
एक मासूम कली को
फूल बनने से पहले रौंद दिया
व्यभिचार की इस चरम सीमा ने
मानव से मानव कहलाने का हक़ छीन लिया
घिनौनें कृत की पाश्वता ने
खोख का हरण कर
रावण को भी लज्जा दिया
जलने के लिया मानो कायनात को
लाख का महल बना दिया।
परवाज़ भरने से पहले
दरिंदों ने जकड़ लिया
और पर कटे लहूलुहान परिंदों सा
मरने को छोड़ दिया
एक मासूम कली को
फूल बनने से पहले रौंद दिया
व्यभिचार की इस चरम सीमा ने
मानव से मानव कहलाने का हक़ छीन लिया
घिनौनें कृत की पाश्वता ने
खोख का हरण कर
रावण को भी लज्जा दिया
जलने के लिया मानो कायनात को
लाख का महल बना दिया।
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