ये गम तू कुछ इस तरह मुस्करा
बबंडर
ग़मों की आँधियों के
मंजिल अपनी भटक जाए
और खिलखिलाती धूप भी
सौगात में
आँसुओ की ताबीर लिए चली आए
माना मुश्किल बड़ा ही यह इम्तिहान
पर छोड़ दिया जो कफ़न एक बार
बिन जनाजे ही
दफ़न हो जायेंगे सारे गम गुब्बार
ले आयेगा सकून
आँसुओं की फुहार
और बहा ले जायेगा संग अपने
हर रंजो गम की दीवार
बबंडर
ग़मों की आँधियों के
मंजिल अपनी भटक जाए
और खिलखिलाती धूप भी
सौगात में
आँसुओ की ताबीर लिए चली आए
माना मुश्किल बड़ा ही यह इम्तिहान
पर छोड़ दिया जो कफ़न एक बार
बिन जनाजे ही
दफ़न हो जायेंगे सारे गम गुब्बार
ले आयेगा सकून
आँसुओं की फुहार
और बहा ले जायेगा संग अपने
हर रंजो गम की दीवार
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