मुझे ए मालूम था
दिल अपना पराया था
फिर भी इश्क़ इससे लगाया था
खबर ना हो किसीको
साँसों को इसलिए
हमराज बनाया था
धड़कनें जो तब गुनगुनाती थी
खाब्ब हसीन उनकों भी दिखलाया था
मुझे ए मालूम था
दिल अपना पराया था
फ़िर भी खुद को ए समझाया था
जीना बिन इसके गँवारा ना था
रिश्ता मोहब्बत का
इससे कुछ ऐसा बनाया था
जब मुझे ए मालूम था
दिल अपना पराया था
फिर भी इश्क़ इससे लगाया था
दिल अपना पराया था
फिर भी इश्क़ इससे लगाया था
खबर ना हो किसीको
साँसों को इसलिए
हमराज बनाया था
धड़कनें जो तब गुनगुनाती थी
खाब्ब हसीन उनकों भी दिखलाया था
मुझे ए मालूम था
दिल अपना पराया था
फ़िर भी खुद को ए समझाया था
जीना बिन इसके गँवारा ना था
रिश्ता मोहब्बत का
इससे कुछ ऐसा बनाया था
जब मुझे ए मालूम था
दिल अपना पराया था
फिर भी इश्क़ इससे लगाया था
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