वो सावन की बहार थी
मेघों की बारात थी
घटाओं की वयार थी
तक़दीर कुछ इस तरह मेहरबाँ थी
मानों हर तरफ रिमझिम सी सौगात थी
नजरों की दुनिया भी कुछ इस तरह इनायत थी
हर ओर बारिसों की फ़ुहार थी
मानों इस पल ही जिंदगी गुलज़ार थी
वरना तो रेगिस्तान की तपिश थी
वरना तो रेगिस्तान की तपिश थी
मेघों की बारात थी
घटाओं की वयार थी
तक़दीर कुछ इस तरह मेहरबाँ थी
मानों हर तरफ रिमझिम सी सौगात थी
नजरों की दुनिया भी कुछ इस तरह इनायत थी
हर ओर बारिसों की फ़ुहार थी
मानों इस पल ही जिंदगी गुलज़ार थी
वरना तो रेगिस्तान की तपिश थी
वरना तो रेगिस्तान की तपिश थी
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