प्रेम एक अनुभूति हैं
दो आत्माओं के मिलन की जननी हैं
रंग भरे इसमें सारे व्रह्माण्ड के
सृष्टि की यह जननी हैं
अदृस्य चेतना की यह
मर्मस्पर्शी अनुभूति हैं
पिरों बंधन को
झुका दे कायनात सारी
यह वो अनजानी शक्ति हैं
प्रेम अहसास ही जीवन मुक्ति हैं
कण कण में बसती इसके यह हस्ती हैं
छू लिया जिसने इस विधान को
प्रेम रूप की वो मूर्ति हैं
प्रेम रूप की वो मूर्ति हैं
दो आत्माओं के मिलन की जननी हैं
रंग भरे इसमें सारे व्रह्माण्ड के
सृष्टि की यह जननी हैं
अदृस्य चेतना की यह
मर्मस्पर्शी अनुभूति हैं
पिरों बंधन को
झुका दे कायनात सारी
यह वो अनजानी शक्ति हैं
प्रेम अहसास ही जीवन मुक्ति हैं
कण कण में बसती इसके यह हस्ती हैं
छू लिया जिसने इस विधान को
प्रेम रूप की वो मूर्ति हैं
प्रेम रूप की वो मूर्ति हैं
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