Wednesday, March 4, 2015

मेरी बिटिया

खुदा  का नूर है तू

मेरी बगियाँ का फूल है तू

सागर सी चंचल है तू

मेरे आँगन की शोभा है तू

राधा की मूरत है तू

इनसे बढ़कर

मेरा गरूर है तू

और

कभी रंगो में रंगी

कभी रागों में सजी

मेरी राग रागिनी है तू

मेरी बिटिया रागिनी है तू

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