खुदा का नूर है तू
मेरी बगियाँ का फूल है तू
सागर सी चंचल है तू
मेरे आँगन की शोभा है तू
राधा की मूरत है तू
इनसे बढ़कर
मेरा गरूर है तू
और
कभी रंगो में रंगी
कभी रागों में सजी
मेरी राग रागिनी है तू
मेरी बिटिया रागिनी है तू
मेरी बगियाँ का फूल है तू
सागर सी चंचल है तू
मेरे आँगन की शोभा है तू
राधा की मूरत है तू
इनसे बढ़कर
मेरा गरूर है तू
और
कभी रंगो में रंगी
कभी रागों में सजी
मेरी राग रागिनी है तू
मेरी बिटिया रागिनी है तू